विश्वविद्यालय की शिक्षा में अंतरिक्ष के पाठ्यक्रम हो शामिल, क्योंकि अब हमारी तैयारी अंतरिक्ष की है- आनन्दी बेन पटेल


विश्वविद्यालय की प्रतिभा का सकारात्मक दिशा में प्रयोग की जरूरतः राज्यपाल

शिक्षा का उद्देश्य समाज के साथ राष्ट्र निर्माण होना चाहिएः योगेंद्र उपाध्याय 


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में विश्वविद्यालय का 28 वां दीक्षांत समारोह रविवार को सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कुलाधिपति/महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले स्नातक एवं स्नातकोत्तर मेधावियों को 96 स्वर्ण पदक प्रदान किए। स्वर्ण पदक पाते ही विद्यार्थियों के चेहरे खिलखिला उठे। 
इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय में प्रतिभा की कमी नहीं बस इन्हें प्रेरणा देकर सकारात्मक दिशा में इनकी ऊर्जा का उपयोग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी संसाधन होने के बाद भी नैक मूल्यांकन से विश्वविद्यालय घबराते थे लेकिन राजभवन ने इसे जरूरी किया और सहयोग और ट्रेनिंग देकर उनके संसाधनों को सिस्टमैटिक रूप से बनाकर ए डबल प्लस की श्रेणी में पहुंचाया। प्रदेश के सात और एक कृषि विश्वविद्यालय ए डबल प्लस की श्रेणी में हैं। कहने का तात्पर्य है कि मानव में संकल्प शक्ति का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि नैक मूल्यांकन के कई फायदे हैं ए डबल प्लस पाने वाले विश्वविद्यालयों को 100 करोड़ रूपये बाकी विश्वविद्यालय को 20 करोड़ की धनराशि दी गई है। उन्होंने कहा कि नैक प्रेक्टिस से विश्वविद्यालय के ढांचे में बेहतर परिवर्तन आया है। अब राजभवन का जोर एनआईआरएफ पर है। इस मूल्यांकन और रेटिंग से विश्वविद्यालय में विदेशी छात्र और मेधावी छात्र आएंगे और यहां के विद्यार्थियों का विदेश जाने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि देश का भविष्य आपके सामर्थ्य से बढ़ेगा हर चुनौती एक नए अवसर लेकर आती है गुजरात का कच्छ इसका उदाहरण है सरकार के सतत प्रयास से आज गुजरात की स्थिति बदल गई है वहां विदेशी कंपनियां निवेश कर रही है।
उनका मानना है कि आज का युग तकनीक का युग है। इसका उपयोग जन कल्याण के हित में होना चाहिए विनाश के लिए नहीं दुनियां में जो कुछ अच्छी और नई चीज हो रही है उससे हमें जुड़ने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने वन नेशनल वन इलेक्शन का जिक्र करते हुए कहा कि इससे देश की आर्थिक बचत होगी। केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब हमारी तैयारी अंतरिक्ष पर है। अंतरिक्ष के पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय में शामिल करना चाहिए।
एमओयू साइन पर उन्होंने कहा की दोनों के बीच गतिविधियां भी अच्छी हो तभी इसका मतलब है। उन्होंने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के खेलकूद की तारीफ करते हुए कहा कि खेल के क्षेत्र में अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं इससे और भी अच्छा करने के लिए और अधिक से अधिक गोल्ड मेडल लाने के लिए और भी अच्छे कोच की जरूरत है। उन्होंने आंगनबाड़ी को संसाधनयुक्त करने की योजना पर जोर दिया। कहा कि इससे वहां पढ़ने वाले गरीब छात्रों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी से लेकर विश्वविद्यालय तक एक सेतु बनाकर काम करें ताकि शिक्षा का विकास सकारात्मक दिशा में हो सके। 
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि स्वर्ण पदक पाने वालों में जुनून होता है लेकिन उसके पीछे अभिभावक और गुरु के समर्पण को भी नहीं भूलना चाहिए। शिक्षण संस्थान जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान का केंद्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसंधान हमारे शास्त्रों में पहले से ही था जिसका उदाहरण पीपल में ऑक्सीजन की खोज थी। ऋषि अनुसंधान कर मुनि को देते थे और वह समाज में बांटता था। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य समाज को नई दिशा देने के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाणक्य और विवेकानंद के विचार आज भी समसामयिक है शिक्षक और विद्यार्थियों को उनसे सीख लेनी चाहिए जिन्होंने बहुत ही पहले राष्ट्र को सर्वोपरि माना था। 
प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा कि डिग्री और उपाधि लेने के बाद आपका बोझ और बढ़ गया है आपके ऊपर समाज और राष्ट्र का उत्तरदायित्व है इसे पूरा कर आप भारत को विश्व गुरु बनाने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सफलता पाने के लिए संघर्ष जरूरी है जितना बड़ा लक्ष्य होगा उतनी बड़ी चुनौती सामने होगी। हमें सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ाने की जरूरत है।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि कुलाधिपति जी के सक्षम एवं प्रेरणादायी निर्देशन में उत्तर प्रदेश के सम्पूर्ण विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन और सुधारों को जन्म दिया है। आपकी गरिमामय उपस्थिति से हम सब आह्लादित एवं स्पन्दित हैं। आपके प्रेरक शब्द और मार्गदर्शन हमारे विद्यार्थियों के लिये बहुत महत्वपूर्ण होंगे और हमें यह विश्वास है कि वे इससे प्रेरित होकर अपने जीवन में उच्चतम स्तर को प्राप्त करेंगे। आज मैं, सभी उपाधि तथा स्वर्णपदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देती हूँ जिन्होंने अपने अनवरत् परिश्रम के बल पर ज्ञान अर्जनकर जीवन का एक अहम पड़ाव पार किया है। माननीय कुलाधिपति जी के कुशल दिषा निर्देशन में विश्वविद्यालय को नैक ए प्लस ग्रेड प्राप्त हुआ, जो हमारी शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता को प्रमाणित करता है। अखिल भारतीय अन्तरविश्वविद्यालयीय टीम स्पर्धा प्रतियोगिताओं में हमारे खिलाड़ियों ने कुल 52 पदक प्राप्त किये।
दीक्षांत समारोह की शुरुआत में शोभायात्रा निकाली गई, जिसका नेतृत्व कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। शोभायात्रा में अतिथियों के साथ कार्य परिषद् एवं विद्या परिषद के सदस्य शामिल हुए। दीक्षांत समारोह का संचालन जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने किया। इसके पूर्व पौध लगाओ कार्यक्रम गीत के साथ किया गया। इस अवसर राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसु,  प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय प्रताप सिंह, डॉ. जगदीश सिंह दीक्षित, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर,  प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, वित्त अधिकारी संजय राय, परीक्षा नियंत्रक डॉ विनोद कुमार सिंह, डा.  विजय सिंह,  डा. राहुल सिंह,,  प्रो. एके श्रीवास्तव,  प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. बीडी शर्मा,  प्रो. संदीप सिंह, प्रो. प्रदीप कुमार,  डा. मनीष गुप्ता, प्रो. राकेश यादव,  एनएसएस समन्वयक डॉ. राज बहादुर यादव, डा. संतोष कुमार,.  डा. सुनील कुमार,  डा. दिग्विजय सिंह राठौर,डा. रशिकेस,  डॉ. अनु त्यागी, डा. जाह्नवी श्रीवास्तव,  डा. अमरेंद्र सिंह, डा. आशुतोष सिंह, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर, महामंत्री रमेश यादव, उप कुलसचिव अमृतलाल,  एआर अजीत सिंह,  बबिता सिंह,  दीपक सिंह,  आदि शिक्षक और कर्मचारी मौजूद थे। 

गतिमान पत्रिका का हुआ लोकार्पण

विश्वविद्यालय के 28 वें दीक्षांत समारोह में गतिमान वार्षिक पत्रिका का विमोचन राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने किया। इस पत्रिका में विश्वविद्यालय के वर्षभर की गतिविधियां स्वर्ण पदक धारकों की सूची, अतिथियों का परिचय समेत विश्वविद्यालय की विविध गतिविधियों को बड़े आकर्षण ढंग से प्रकाशित किया गया है। विमोचन अवसर पर कुलपति, दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि, प्रधान संपादक प्रो. मनोज मिश्र, संपादक डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, सम्पादन मण्डल में  डॉ. सुनील कुमार, डॉ. श्याम कन्हैया और डॉ लक्ष्मी मौर्य रहें।
 
बच्चों को राज्यपाल के हाथों मिला उपहार

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 28 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कक्षा 5 से 8 में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल बैग, फल, जमेटरी बाक्स, महापुरुषों पर प्रकाशित पुस्तकें आदि प्रदान किया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए कुकड़ीपुर. देवकली, सुल्तानपुर एवं जासोपुर गांव में आयोजित खेल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाले चार बच्चों को भी दीक्षांत समारोह राज्यपाल के हाथों पुरस्कार मिला। इसी के साथ राजभवन से 100 पुस्तकें बच्चों के लिए भेंट की गई।

संस्कार श्रीवास्तव को मिला अतुल माहेश्वरी स्वर्ण पदक
विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के एम.ए. जनसंचार विषय में सर्वोच्च अंक पाने वाले विद्यार्थी को अतुल माहेश्वरी स्वर्ण पदक दिया जाता है। वर्ष 2024 में एम.ए. जनसंचार विषय में सर्वोच्च अंक पाने पर संस्कार श्रीवास्तव को यह पदक मिला। पदक के दौरान उनके दादी भी उपस्थित रहीं। उनके दादी का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वह आज तक विश्वविद्यालय नहीं देखी थी। हमारी कोशिश भी यही है कि ऐसे लोगों को यहां बुलाया जाय। 

95 मेधावियों को मिला 96 स्वर्ण पदक
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 28 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने 95 मेधावियों को प्रथम प्रयास में अपने विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर 96 स्वर्ण पदक प्रदान किया। स्नातक स्तर  पर 18 छात्राएं और 07 छात्र एवं परास्नातक स्तर पर 36 छात्र और 35 छात्राओं को स्वर्ण पदक मिला।

508 शोधार्थियों को मिली पीएच.डी. की उपाधि

दीक्षांत समारोह में 508 शोधार्थियों को मिली पीएच.डी. की उपाधि मिली। इसमें  345 कला संकाय में,  विज्ञान संकाय  में 25, कृषि संकाय में 13, शिक्षा संकाय में 77, विधि संकाय में 05,  इंजीनियरिंग संकाय में  10, वाणिज्य संकाय में 18, प्रबन्ध संकाय में 10, अनुप्रयुक्त समाज विज्ञान एवं मानविकी संकाय में 03 और औषधि संकाय में 02 शोधार्थियों को उपाधि मिली।

गोद लिए गांव में हुई प्रतियोगिता के विजेता पुरस्कृत

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव में आयोजित की गई प्रतियोगिता के विजेताओं एवं आंगनबाड़ी की आपसी प्रतियोगिता में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया.
 विश्वविद्यालय द्वारा देवकली, कुकड़ीपुर, सुल्तानपुर, जासोपुर एवं जफरपुर गांव गोद लिया गया है जिसमें भाषण कहानी कथन, चित्रकला एवं  दौड़ प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थी. यह प्रतियोगिताएं कक्षा 3 से लेकर 12 तक के विद्यार्थियों के बीच विविध वर्गों में विभाजित करके की गई थी.  इन प्रतियोगिताओं में 16 विद्यार्थियों ने  प्रथम स्थान प्राप्त किया था  उन्हें राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत किया गया. इसके साथ ही इन गांवों के आंगनबाड़ी केन्द्रों  में स्वच्छता प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें जासोपुर आंगनबाड़ी केंद्र प्रथम स्थान प्राप्त किया. प्रतियोगिताओं का संयोजन प्रो. राकेश कुमार यादव ने किया।

300 आंगनबाड़ी केन्द्रों को मिला किट 

 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निर्देश के क्रम में 300 आंगनबाड़ी केन्द्रों को किट मिला. दीक्षांत समारोह में मंच पर 10 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को राज्यपाल के हाथों किट मिला.  पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा 100 आंगनबाड़ी केन्द्रों,  गाजीपुर प्रशासन द्वारा 100 एवं जौनपुर जिला प्रशासन द्वारा 100 आंगनबाड़ी केन्द्रों को उपलब्ध कराए गए किट को सौंपा गया। जौनपुर के जिलाधिकारी दिनेश चंद्र और सीडीओ साईं तेजा सेलम गाजीपुर के सीडीओ संतोष कुमार वैश्य को स्वच्छता और सुरक्षा से संबंधित किट देकर सम्मानित किया गया। साथ ही निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर इसकी व्यवस्था किया जाए।  

बटन दबाते ही डीजी लॉकर में अपलोड हुईं डिग्रियां

दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने आईपैड का बटन दबाकर 2023-24 की स्नातक और स्नातकोत्तर की 85595 डिग्रियों को डिजीलॉकर में अपलोड किया गया। इसमें स्नातक में 69276 और परास्नातक में 16319 विद्यार्थियों की डिग्रियां डिजीलाकर में अपलोड की जाएंगी। इससे डिजीटल डिग्री आसानी से मिल जाएगी।

हैलीपेड पर कुलपति समेत अधिकारियों ने किया स्वागत

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के हैलीपैड पर राज्यपाल सुबह पहुंची। इस दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह, जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र, पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल शर्मा, रजिस्ट्रार महेंद्र कुमार, समेत कई अधिकारियों ने पुष्प भेंट किया।  

गतिमान समेत चार पुस्तकों का हुआ लोकार्पण 

विश्वविद्यालय के 28 में दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय की वार्षिक पत्रिका गतिमान एवं  तीन शिक्षकों की पुस्तकों का लोकार्पण  प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन ने किया.  विश्वविद्यालय की वार्षिक पत्रिका के प्रधान संपादक प्रोफेसर मनोज मिश्र, संपादक डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर एवं संपादन मंडल में डॉ. सुनील कुमार, डॉ श्याम कन्हैया सिंह एवं डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य शामिल है. इसके साथ ही प्रोफेसर मनोज मिश्र की पुस्तक स्वतंत्रता संघर्ष में जौनपुर, डॉ श्याम कन्हैया की पुस्तक रिवर्स आफ इंडिया एवं प्रोफेसर अजय द्विवेदी  की पुस्तक इन्दिआज ग्रोविंग रोल इन द जी- 20 पुस्तक का लोकार्पण  हुआ।

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