कोरोना संक्रमण से बचाव में जाने प्याज है कितना कारगर


जब विश्व के अन्य देशों में कोरोना संक्रमण कहर बरपा रहा था। तभी भारत में 'प्याज खाओ कोरोना भगाओ' से लेकर गरम नींबू पानी, गिलोय तुलसी काढ़ा, दुध हल्दी सेवन करने की बात होने लगी थी। सजगता, सक्रियता, सावधानी के कारण मृत्यु दर अधिक होने के बावजूद भी भारत में संक्रमण कम हुआ। मार्च तक यह आंकड़ा सैकड़ा में ही सिमटा रहा। वर्तमान  (अगस्त) में प्रति 24‌ घंटे में संक्रमण की रफ्तार 60 से 70 हजार तक पहुंच गई है। संतोष की बात यह है कि मृत्यु दर में कमी हो रही है। संक्रमण का फैलाव गली मोहल्ले से लेकर सगे संबंधियों तक पहुंच चुका है।जब ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है। तो हम लापरवाह होते जा रहे हैं। ऐसे समय में एक बार फिर मुझे प्याज़ के उपयोग की बात याद आई। जिसे साझा करना आवश्यक समझता हूं।               प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् 1919 में  फ्लू जैसी महामारी ने करोड़ो लोगों की जान ली थी। गांव के गांव संक्रमण के शिकार हो रहे थे। एक कर्मठ डॉक्टर  गांवों में किसानों से मिलने गया तो देखा कि   पुरा गांव संक्रमित है। **भयंकर महामारी में भी  केवल एक  ऐसा परिवार  था, जो संक्रमित नहीं था। जब डाक्टर ‌उस परिवार से मिले तो पुछने पर महिला ने बताया कि " मैं अपने दोनों कमरों में प्याज का टुकड़ा काटकर प्लेट में रख देती हूं।"  डाक्टर ने प्लेट में रखे प्याज के टुकड़े को माइक्रोस्कोप से देखा तो उसमें  घातक फ्लू के बैक्टेरिया मिले, जो प्याज द्वारा सम्भवतया अवशोषित कर लिए गए थे। सायद यही कारण था कि इतनी बड़ी महामारी में भी यह परिवार स्वस्थ था।  यही प्रयोग निमोनिया से ग्रसित मरीज के साथ किया गया। मरीज के कमरे में प्याज काट कर रात के समय  रख दिया गया। सुबह वह प्याज काला होकर खराब हो चुका था। मरीज भी अपने को कुछ स्वस्थ महसूस कर रहा था।                    
  कटा प्याज  ज्यादा समय हो जाने पर सेवन नहीं करना चाहिए। यही कारण है कि जब पेट खराब होता है या फ़ूडप्वाईजनिंग के मरीज से डॉक्टर द्वारा यह पुछा जाता है कि प्याज कब खाई ?और कहां से आई?  कटा प्याज देर तक रखने के बाद खाने की गलती कभी ना करें। प्राय: घर के सब्जी में प्रयोग किया जाने वाला प्याज,आलु और सलाद ताजा ही उपयोग किया जाना चाहिए।  वास्तव में प्याज का औषधीय गुण भी चमत्कारी है। जो निम्न है :----                                                    
प्याज का वैज्ञानिक नाम एलियम सेपा (Allium Cepa,) है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट यौगिक होता है। जो मानव शरीर में मुक्त कणों को निष्क्रिय करने में प्रभावी होता है। प्याज़ का औषधीय इस्तेमाल सदियों से किया जाता रहा है। * *स्वास्थ्य विशेषज्ञ स्वीकार करते हैं कि--"प्याज"-1/ दिल को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। 2/ मधुमेह (Sugar) को नियंत्रित करता है।   3/ कैंसर के इलाज में सहायक है। 4/ सर्दी -खांसी को दूर करता है। 5/ अनिद्रा में सहायक है। 6/ बालों के लिए, त्वचा के लिए, मौखिक स्वास्थय में लाभदायक है। 7/एनीमिया के  इलाज में सहायक। 8/कान दर्द में रस लाभदायक। 9/ मूञ पथ संक्रमण के लिए लाभकारी। 10/ प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करता है। 11/ चोट-चपेट, दर्द निवारक के रूप में भी प्रयोग बहुतायत लोगों द्वारा किया जाता है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O) ने भी पुष्टि की है कि "प्याज कम भुख वाले और एनरोस्क्लेरोसिस से पीड़ित रोगी के लिए फायदेमंद है। " वास्तव में प्याज के गुण-दोष की सही जानकारी हमारे स्वास्थ्य के लिए नितांत आवश्यक है। जिससे सही प्रयोग किया जा सके।
  वर्तमान कोरोना संक्रमण की स्थिति में सर्वप्रथम तो हमें "वायरल लोड टेस्ट" कराकर यह जानना जरूरी है कि हम कितना संक्रमित हैं? और कितना संक्रामक हैं ? ब्यक्ति के खुन में संक्रमण की मात्रा की जानकारी उक्त जांच से हो जाती है। सामान्यतः A/ स्वाद-गंध का पता न चलना। B/ थकान-कमजोरी महसूस होना। C/ सर्दी-बुखार-खांसी-स्वसन की समस्या महसूस हो तो जांच परमावश्यक है।                                  
सामान्य अवस्था में-नित्य क्रिया में हमें भारतीय प्राचीन संयुक्त परिवार की परम्पराओं में दादी- नानी के नुस्खे, रहन-सहन में साफ-सफाई, खान-पान, योग-ध्यान का अवलंबन करना चाहिए। सकारात्मक सोंच  आत्मबल को मजबूत करेगा। और हम कोरोना को हराने में कामयाब होंगे।     
                                                              
डॉ अखिलेश्वर शुक्ला, 

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