जौनपुर एकता तिवारी बनीं आतंकियों की साजिश का खुलासा करने वाली चश्मदीद, NIA ने की पूछताछ*


उत्तर प्रदेश के जौनपुर ज़िले की पूर्व बैंककर्मी और मॉडल एकता तिवारी इन दिनों एक बड़े आतंकी मामले में अहम गवाह के रूप में सुर्खियों में हैं। कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एकता तिवारी से पूछताछ की है, क्योंकि उन्होंने इस हमले से पहले दो संदिग्धों की गतिविधियों की जानकारी दी थी।

क्या हुआ था पहलगाम में?
एकता तिवारी 13 अप्रैल को अपने परिवार और करीब 20 दोस्तों के साथ कश्मीर यात्रा पर गई थीं। 20 अप्रैल को उनका दल पहलगाम पहुंचा। 22 अप्रैल को वे सभी बैसरान की पहाड़ियों की ओर खच्चरों पर सवार होकर निकल रहे थे। रास्ते में लगभग 500 मीटर पहले, एकता की नजर दो ऐसे व्यक्तियों पर पड़ी जो खच्चरवाले के रूप में वहां मौजूद थे।


इन दोनों व्यक्तियों का व्यवहार उन्हें असामान्य और संदिग्ध लगा। एकता के अनुसार, उन्होंने बार-बार उनसे धर्म विशेष और कुरान से जुड़ी बातें पूछीं। इस बातचीत का स्वरूप सामान्य पर्यटक-गाइड संवाद से बिल्कुल अलग था, जिससे उन्हें शंका हुई कि कुछ गड़बड़ है।

संदिग्ध बातचीत और अहम सुराग
एकता ने बताया कि उन दोनों व्यक्तियों के पास मोजे में छिपा एक छोटा मोबाइल फोन था, जिससे वे एक-दूसरे से बातचीत कर रहे थे। बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा:
“प्लान ए फेल हो गया है, अब प्लान बी शुरू होगा। 35 बंदूकें घाटी में भेज दी गई हैं और लड़का उन्हें लेने गया है।”


इस बातचीत को सुनने के बाद एकता ने सतर्कता दिखाई और यात्रा पूरी करने के बाद अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद NIA ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया, जहां उन्होंने विस्तार से पूरी घटना का विवरण साझा किया।

NIA की सक्रियता और जांच का दायरा
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और एकता द्वारा दिए गए सुराग के आधार पर जांच तेज़ कर दी है। संदिग्धों की पहचान और उनकी गतिविधियों की पुष्टि करने की कोशिश जारी है। यह मामला इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि यह घटना घाटी में हालिया आतंकी गतिविधियों और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के बीच हुई है।

एकता तिवारी की भूमिका और सराहना
एकता की सतर्कता और साहसिकता की सोशल मीडिया और आम जनमानस में सराहना हो रही है। उन्होंने जिस तरह से एक संभावित खतरे को समय रहते पहचाना और उसकी सूचना दी, वह एक जागरूक नागरिक का उदाहरण पेश करता है।

सवाल उठते हैं – क्या हमारी सुरक्षा एजेंसियाँ पर्यटकों को लेकर सतर्क हैं?
यह घटना एक बार फिर बताती है कि आतंकवादी संगठन अब केवल सैनिकों या सुरक्षा बलों को निशाना नहीं बना रहे, बल्कि आम नागरिकों और पर्यटकों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यह चिंता का विषय है और स्थानीय स्तर पर सुरक्षा की निगरानी व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता है।

एकता तिवारी द्वारा दिए गए इनपुट इस मामले की जांच में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। NIA इस दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रही है और उम्मीद है कि जल्द ही पूरी साजिश का पर्दाफाश होगा।

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