शोधपरक शिक्षा से 21वीं सदी की जरूरतों को करें पूरा : प्रो. वंदना राय



जौनपुर। उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति -2020 पर ऑनलाइन  सात दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स के दूसरे दिन  बतौर वक्ता विश्वविद्यालय की प्रो. वंदना राय ने कहा कि भारत में तक्षशिला नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों की शिक्षा प्रणाली का पूरे विश्व में नाम रहा है। सुदृढ़ शिक्षा प्रणाली के कारण भारत में एक से बढ़कर एक शिक्षक और वैज्ञानिक हुए है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में हम विश्वगुरु रहे हैं। आज के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा रटने और परीक्षा पास करने तक सीमित हो गई है । शिक्षा का यह वास्तविक उद्देश्य नहीं है। 

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य है कि स्कूली व उच्च शिक्षा में खासतौर से शोधपरक शिक्षा में ऐसी शिक्षा मिले जो 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा कर सकें।

नई शिक्षा नीति में शोध को बढ़ावा के साथ -साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कोलेबरेशन को बढ़ावा दिया गया है। इससे शोध में महिलाओं की भागीदारी के साथ साथ शोध परक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी और भारत एक सुपर पावर बनेगा और विश्व गुरु वाली छवि पुनः प्राप्त कर सकेगा।

कार्यक्रम में  प्रतिभागियों का स्वागत प्रो. मानस पांडेय  और धन्यवाद डाॅ. धर्मेन्द्र सिंह  ने  दिया। कार्यक्रम में प्रो. अविनाश, प्रो. राजेश शर्मा, डॉ. मनोज मिश्रा, डॉ . सौरभ पाल, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. आलोक दास आदि ने प्रतिभाग किया।


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