बालभोगी प्रोफेसर को जेल जाने के बाद प्रबंध समिति ने किया निलंबित, सेवा समाप्ती हेतु संस्तुति के लिए पत्र जारी

जौनपुर। पूर्वांचल के सबसे बड़े उच्च शिक्षण संस्थान तिलक धारी सिंह महाविद्यालय में लाॅ कालेज के बाल भोगी प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह को जेल की सलाखों के पीछे कैद होने के बाद कालेज प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से बालभोगी प्रोफेसर को निलंबित कर दिया है। दूसरी ओर कानूनी प्रक्रिया के तहत पुलिस ने शुक्रवार दो जून को पीड़ित बच्चे का दीवानी न्यायालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष कलम बन्द बयान करा दिया है। जिसमें पीड़ित बच्चे ने तफ़सील से बला भोगी प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह के गंदे कुकृत्य की जानकारी मजिस्ट्रेट को बताते हुए अपना बयान दर्ज करा दिया है।
यहां बता दें कि टीडीपीजी कालेज लाॅ विभाग के प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह ने बीते 31 मई को अपने आवास यूपी सिंह कालोनी में किताब लेने के बहाने 12 वर्षीय बच्चे को बुला कर अपनी वासना का शिकार बनाया था। इस जघन्य अपराधिक घटना के बाद पीड़ित बच्चे की मां सुषमा सिंह ने थाना लाइन बाजार में मुअसं 264/ 23 धारा 377, 511, 506, 342 भादवि और समलैंगिक अपराध बालको का संरक्षण 2012 7 / 8 पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमा दर्ज करने के तुरंत बाद पुलिस दविश देकर बाल भोगी प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया। दूसरे दिन 01 जून को न्यायालय भेजा वहां पर जज ने सीधे प्रोफेसर की जमानत याचिका को खारिज कर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया। एसी में रहने वाले बाल बलात्कारी प्रोफेसर अबे जेल में मच्छरो के बीच पहुंच गए है।
इस संदर्भ में कालेज के प्रबंधक से बात करने पर उन्होंने बताया कि जेल जाने के तुरंत बाद कमेटी की बैठक बुलाई गई और सर्वसम्मत से निर्णय लेकर प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया। प्रबंधक ने बताया कि आख्या उपर विश्वविद्यालय को भेजी गई है जल्दी ही इस गन्दे कृत्य कर्मी प्रोफेसर की सेवा समाप्त कर दी जाएगी।  प्रबंधक ने इसके पहले 26 मई को कालेज के प्राचीन इतिहास के विभागाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह के वायरल वीडियो के संदर्भ मे बताया कि इस प्रोफेसर की भी सेवा समाप्त करने की संस्तुति विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मिल चुकी है। जांच के लिए बनाई गई कमेटी जैसे ही अपनी रिपोर्ट देगी इसकी भी सेवा समाप्त करा दी जाएगी। संतोष को भी जांच कमेटी का सदस्य बनाये जाने पर प्रबंधक ने कहा यह कितना बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि संतोष कुमार सिंह ने ऐसी गंदी करतूत कर डाली जो क्षमा योग्य नहीं है।
हालांकि दोनो प्रोफेसर गण की करतूतो की चर्चा घटनाओ के बाद से लगभग सभी जगहो पर समाज के जिम्मेदार लोगो के बीच हो रही है। हर कोई इन प्रोफेसरो के कृत्य की निन्दा करते हुए जधन्य अपराध कर कालेज की गरिमा को तार-तार करने के आरोप में कड़े दन्ड की अपेक्षा कर रहा है। यहां एक बात और चर्चा में है कि प्रोफेसर प्रदीप कुमार सिंह जिसके खिलाफ स्वयं पुलिस ने एफआईआर दर्ज कराया अभी तक उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गयी है। आवाम इस सवाल का जवाब पुलिस से जानना चाह रही है।

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