चिकित्सक ने मानवता को किया शर्मसार,पैसे के लिए मासूम बच्ची को मार डाला,अब हो रही है जांच


जनपद प्रयागराज के एक प्राईवेट अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां रावतपुर के एक निजी अस्पताल  यूनाइटेड मेडिसिटी के गेट पर बीते दिवस तीन साल की मासूम बच्ची खुशी पैसा न मिलने पर चिकित्सक द्वारा उपचार न किये जाने पर तड़प  तड़प कर दम तोड़ दिया है। बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने जमकर हंगामा किया। रास्ता जाम करने की कोशिश भी की गई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने गेट नहीं खोला। परिजनों का आरोप है कि आपरेशन के दौरान बच्ची को टांके नहीं लगाए गए और फटे पेट के साथ बच्ची को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। हलांकि ट्विटर पर की गई शिकायत पर जिलाधिकारी ने एडीएम व सीएमओ की दो सदस्यीय टीम बनाकर मामले की जांच के आदेश दिया हैं। 
 खबर मिली है कि करेली के करेंहदा निवासी मुकेश मिश्र की तीन साल की बेटी खुशी को पेट दर्द की शिकायत थी। उन्होंने बताया कि एक डॉक्टर ने खुशी को चायल स्थित  रावतपुरा के निजी अस्पताल यूनाइटेड मेडिसिटी में इलाज कराने के लिए रेफर किया था। वहां बच्ची को ले जाने पर डॉक्टर ने बताया कि आंतें सिकुड़ रही हैं और इन्फेक्शन है, ठीक हो जाएगी। आपरेशन होगा खर्च दो लाख रुपये बताया परिजन खेत बेंच कर पैसा दिया तब जाकर दो दिन बाद डॉक्टर ने आपरेशन किया।
मुकेश का आरोप है कि डॉक्टरों ने खुशी का ऑपरेशन ठीक से नहीं किया। पांच दिन बाद खुशी को आराम नहीं मिला और पस आने लगा  तो डॉक्टरों ने दोबारा ऑपरेशन किया। मुकेश का कहना था कि आपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने पैसे की मांग किया गया न दे पाने पर डाक्टर ने  टांके भी नहीं लगाए और अस्पताल से भगा दिया। तत्पश्चात पश्चात खुशी को चिल्ड्रेन अस्पताल ले जाया गया । लेकिन वहां के सीएमएस ने उपचार करने से इनकार कर दिया कहा केश खराब हो चुका है। उन्होंने बताया कि खुशी का इलाज चिल्ड्रेन में नहीं किया गया।
इधर खुशी की हालत में सुधार नहीं हुआ तो मुकेश उसे लेकर शुक्रवार सुबह एक बार उसी निजी अस्पताल लेकर गए, जहां खुशी का ऑपरेशन हुआ था। वहां गेट पर ही उन्हें रोक दिया गया। वह गोद में खुशी को लेकर करीब दो घंटे इधर से उधर भटकते रहे, लेकिन गार्ड ने उन्हें भीतर नहीं जाने दिया। इस बीच दर्द से तड़प रही खुशी ने अस्पताल के गेट पर पिता की गोद में ही दम तोड़ दिया। मासूम की मौत से नाराज परिवारीजन हंगामा करने लगे। करेंहदा से भी परिचितों को बुलाया गया। थोड़ी ही देर में वहां जुटी भीड़ हंगामा करने लगी। अस्पताल प्रशासन की सूचना पर वहां पिपरी, कोखराज, परिश्चम शरीरा सहित कई थानों की फोर्स पहुंच गई सीओ चायल भी पहुंचे।
सीओ ने लोगों को शांत कराया। सीओ ने बताया कि खुशी के परिवारीजनों ने मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर नहीं दी है। शव पोस्टमार्टम के लिए मंझनपुर भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उधर  जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने कहा है कि मामला बेहद गंभीर है। उन्होंने प्रकरण की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी (नगर) व मुख्य चिकित्साधिकारी की दो सदस्यीय टीम गठित की है। जिलाधिकारी ने कहा है कि यदि जांच के दौरान अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पाई जाती है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

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