कानपुर के बिकरू कान्ड में नया खुलासा, अमेरिकी स्प्रिंगफील्ड राइफल से पुलिस जनो की हुईं हत्यायें



उत्तर प्रदेश में कानपुर के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे ने अमेरिकी सेना की स्प्रिंगफील्ड राइफल से 8 पुलिस वालों की हत्या कर दी थी। ये वही राइफल है, जिसके दम पर प्रथम विश्वयुद्ध में अमेरिकी सेना ने दुश्मन देशों को मात दी थी। बिकरू कांड में इस्तेमाल हुई विकास दुबे के भांजे शिव तिवारी की सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड राइफल को लेकर पुलिस ने बड़ा दावा किया है। पुलिस का दावा है कि गनहाउस संचालक ने राइफल के ऑटोमेटिक फंक्शन को बिना निष्क्रिय किए ही विकास दुबे को बेच दिया था। स्पेशल टास्कफोर्स (एसटीएफ) ने जो राइफल बरामद की है, उसमें ऑटोमेटिक फंक्शन सक्रिय मिला है। अब एसटीएफ ने जिला और पुलिस प्रशासन को भेजी रिपोर्ट में गनहाउस संचालक पर कार्रवाई की अनुशंसा की है।

कानपुर में चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने हमला कर दिया। विकास दुबे ने साथियों की मदद से सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद विकास दुबे रात में ही फरार हो गया था और अपने सहयोगियों के पास जाकर छिप गया था। वारदात के करीब सात दिन के बाद विकास दुबे को मध्य प्रदेश पुलिस ने महाकाल मंदिर से पकड़कर यूपी पुलिस के सुपुर्द किया था। मध्य प्रदेश से कानपुर लाते समय गाड़ी पलट जाने पर विकास ने भागने का प्रयास किया था, जिससे एनकाउंटर में वह मारा गया था।

प्रतिबंधित है सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड 
सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल प्रतिबंधित हथियार है। नियमानुसार लाइसेंसी हथियार के रूप में उसका प्रयोग नहीं किया जा सकता है। अमेरिका सेना प्रथम विश्वयुद्ध में इसी राइफल के साथ उतरी थी। आजादी के बाद भारतीय सेना भी 30.06 बोर की सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड राइफल का प्रयोग करती थी लेकिन अब इसका प्रयोग नहीं होता। सेना कंडम हो चुके इन हथियारों को रिटायर होने वाले अपने अधिकारियों व जवानों को बेहद कम दामों पर बेच देती है। बेचने से पहले इनका ऑटोमेटिक फंक्शन निष्क्रिय कर दिया जाता है, क्योंकि इससे यह हथियार 30.06 बोर की साधारण रायफल बनकर रह जाता है और तब इसे लाइसेंसी हथियार के रूप में रखा जा सकता है।

अपनी पहुंच का किया इस्तेमाल
एसटीएफ के सीओ टीबी सिंह के मुताबिक शिव तिवारी को 30.06 बोर की रायफल का शस्त्र लाइसेंस जारी हुआ था, लेकिन विकास दुबे ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर जो सेमी ऑटोमेटिक स्प्रिंगफील्ड रायफल खरीदी और उसका ऑटोमेटिक फंक्शन भी निष्क्रिय नहीं किया गया। बरामद रायफल से इसकी पुष्टि भी हो गई है। सक्रिय स्प्रिंगफील्ड राइफल की मैग्जीन में एक बार में 10 कारतूस भरकर लगातार इन्हें चलाया जा सकता है। माना जा रहा है कि इसीलिए बिकरू में पुलिस टीम विकास के गुर्गों के सामने टिक नहीं सकी और दो-दो स्प्रिंगफील्ड राइफल ने पुलिस को कदम पीछे खींचने पर मजबूर कर दिया।

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