राजनेता के रूप में गरीब किसान मजदूर और युवाओ के मसीहा होने के साथ ही बड़े वैज्ञानिक भी रहे डाॅ केपी

                       स्व डाॅ केपी यादव 

कपिल देव मौर्य 
प्रथम पूण्यतिथि पर विशेष 
जौनपुर। जनपद जौनपुर मुख्यालय से लगभग 10 किमी दूर स्थित सदर तहसील क्षेत्र के ग्राम उत्तरगांवा के सामान्य यदुवंश परिवार में एक जनवरी 1961 को जन्म लेने वाला बालक कैलाश प्रकाश यादव (डाॅ केपी यादव) गांव की पगडण्डी से निकल कर जौनपुर से लेकर गोरखपुर और गोरखपुर से लेकर काशी हिन्द विश्वविद्यालय तक शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात सियासत की दुनियां में कदम रखे और देखते देखते डाॅ केपी यादव प्रदेश स्तरीय नेताओ की श्रेणी में शुमार हो गये। जब राजनीति के शिखर पर पहुंचने का वक्त आया तो क्रुर काल ने लगभग 61 साल की उम्र में ही 31अगस्त 2021 को अपनी आगोश में ले लिया। इस तरह गांव की गली से निकल कर जिला और प्रदेश तक राजनीति में अपना लोहा मनवाने वाले आजाद शत्रु डाॅ केपी यादव के जीवन का अन्त हो गया अब स्मृतियां ही शेष बची है। उनकी प्रथम पूण्यतिथि को जौनपुर से लेकर वाराणसी तक समाजवादी पार्टी के लोग मना रहे है। 
यहां बताना चाहेंगे कि डाॅ केपी यादव के निधन से 31अगस्त 21 को समाजवाद और समाजवादी पार्टी को ऐसी अपूरणीय क्षति हुई कि वह अब पूरी नहीं हो सकेगी। डाॅ केपी यादव अपने राजनैतिक जीवन में बड़े उतार चढ़ाव देखे लेकिन कभी भी सिद्धांत से विचलित नहीं हुए।समाजवादी नेता डाॅ राम मनोहर लोहिया के आदर्श एवं राजनीति से प्रेरणा लेते हुए समाजवादी विचार धारा से जुड़े और सन् 1999 में इसी विचार धारा के छात्र राजनीति में सक्रिय हुए। कालांतर में चल कर डाॅ केपी यादव जनपद और प्रदेश की राजनीति में पदार्पण करते हुए सक्रिय हुए और समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव को अपना आदर्श मानने हुए सपा की राजनीति से जुड़ गये। इस दौरान समाजवादी युवजन सभा,छात्र सभा फिर संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और समाजवादी विचारधारा उनके जीवन का प्रवाह बन गया।
यहां बता दें कि डाॅ केपी यादव बचपन से ही अलग प्रतिभा रखते थे शिक्षण के दौरान हमेशा अग्रिम पंक्ति में नजर आते थे। एक वैज्ञानिक के रूप में जन स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा शोध किया था। उन्होंने कल कारखानो से निकलने वाले गंदे जल को शुद्ध एवं प्रदूषण मुक्त कर फिर से पानी को पीने योग्य बनाने का काम कम उम्र में कर दिखाया था। इनके द्वारा 25 शोध पत्र अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुए है जो डाॅ केपी यादव के विद्वता का स्पष्ट संकेत करते है। 
एक वैज्ञानिक के रूप में इन्हे बड़ा आफर मिला था।लेकिन जन सेवा की भावना ने इन्हे राजनीति की तरफ मोड़ दिया। जेल में सपा संरक्षक और संस्थापक मुलायम सिंह यादव से मिलने के बाद इनके जीवन का प्रवाह राजनीति की तरफ पूरी तरह से मुड़ गया था।
डाॅ केपी यादव समाजवादी पार्टी के साथ जुड़कर गरीब, मजलूम, किसानो,और युवाओ के साथ होने वाले जुल्म के खिलाफ संघर्ष का रास्ता चुना। अपने संघर्षो के कारण कई बार इनको पुलिस की लाठियां भी सहनी पड़ी थी। इसके बाद भी डाॅ केपी पथ से विचलित नहीं हुए और संघर्ष करते रहे। अपने राजनैतिक जीवन काल में डां यादव लगभग  एक दर्जन बार जेल की सलाखों के पीछे कैद भी किये गये थे। लेकिन कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखे राजनीति की एक एक सीढ़ियां चढ़ते हुए राजनैतिक शिखर की ओर बढ़ते गये।
प्रदेश में सपा सरकार के शासन काल वर्ष 2004 से 2007 तक उप्र गो सेवा आयोग के चेयरमैन पद पर आसीन रहे यहां राज्य मंत्री का स्तर था। अपने कार्यकाल को सफलता पूर्वक पूरा करते हुए मुलायम सिंह यादव की सरकार को मजबूती प्रदान करने की भूमिका में जो किरदार निभाया वह अत्यंत ही सराहनीय रहा है।सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि काजल की कोठरी में रहने के बाद भी बेदाग रहे।किसी तरह के आरोप डाॅ केपी यादव के राजनैतिक जीवन में नहीं लग सका था।
इनके राजनैतिक जीवन के सफर पर नजर डाले तो डाॅ केपी यादव 1993 से 95 तक महासचिव समाजवादी युवजन सभा रहे। 96 से 99 तक समाजवादी पार्टी मे प्रदेश कार्यकारणी में रहे। 99 में पार्टी को मजबूत बनाने में लगा दिये गये थे। फिर 2000 में प्रदेश सचिव बना दिये गये।2001 से 2003 तक गोरखपुर के प्रभारी के रूप में पार्टी का काम किया।इस तरह अपने जीवन के अन्तिम समय तक समाजवादी पार्टी के लिए काम करते हुए संगठन को मजबूती प्रदान करते रहे।
इस तरह अगर डाॅ केपी के पूरे जीवन काल पर नजर डाली जाये तो इनका पूरा जीवन संघर्ष मय रहा और पूरी निष्ठा और इमानदारी के साथ समाजवादी पार्टी के लिए संघर्ष करते रहे। साथ ही सपा को वाराणसी मंडल में खासी उँचाई पर पहुंचाने की दिशा में अग्रणी भूमिका में नजर आए।
  सिरामिक इंजीनियरिंग की डिग्री के साथ डा केपी

डाॅ केपी के निधन के बाद समाजवादी विचारधारा का एक बड़ा लोप इस समाज में हुआ है। जिसकी भरपाई किसी भी स्तर से नहीं हो सकी है।
जनपद जौनपुर से लेकर वाराणासी तक के समाजवादी लोग बड़ी तादाद में अपने लोकप्रिय रहनुमा डाॅ केपी यादव की प्रथम पूण्यतिथि मना रहे है। एक बार फिर डाॅ के कृतित्व की यादे जन जन में ताजा हो गयी है।जौनपुर में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष लालबहादुर यादव के नेतृत्व में जिला कार्यालय पर स्व डाॅ केपी यादव याद किये जायेंगे। 

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