जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव ने जौनपुर की सियासत में जानें क्या तैयार की है 2022 की पटकथा



जौनपुर। जनपद में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में घटित घटनायें 2022 के विधानसभा चुनाव की पटकथा लिखती नजर आ रही है। पूर्व सांसद बाहुबली नेता अपना दल एस के रास्ते विधानसभा में पहुंचने का प्रयास कर सकते है। माफियाओ से दूरी बनाने का दावा करने वाली भाजपा गठबन्धन की बात कह कर पर्दे के पीछे से मदतगार हो सकती है ऐसा राजनैतिक समीक्षको का मानना है। यदि कहा जाये कि भाजपा सत्ता में आने के लिए बाहुबल प्रेम कर सकती है तो अतिश्योक्ति नहीं होगा।
यहां बता  दें कि जौनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद चुनाव में पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता धनन्जय सिंह सपा भाजपा से टिकट की अपेक्षा किया और पार्टी में शामिल होने का प्रयास किये असफल होने पर उन्होंने अपना दल एस से सम्पर्क किया और पूर्व सांसद के इशारे पर ही अपना दल एस ने जौनपुर और सोनभद्र जिले की सीट अपने खाते में मांग लिया। एनडीए का घटक दल होने के नाते भाजपा नेतृत्व ने अपनी शर्त के साथ सीट अपना दल को दे दिया शर्त के मुताबिक अपना दल एस ने धनन्जय सिंह की पत्नी को प्रत्याशी बनाने के बजाय अपने पार्टी के डमी प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया इसके बाद भाजपा अपना दल एस में रार शुरू हो गयी। 
राजनैतिक समीक्षक मानते है कि इस रार के पीछे की भूमिका में पार्टी के बजाय पूर्व सांसद की भूमिका रही। अन्तिम समय में मतदान के दिन अपना दल एस के राष्ट्रीय महासचिव पप्पू माली मीडिया के समक्ष आते है और सीधे कहते है कि राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर अपना दल एस  जिला पंचायत अध्यक्ष की निर्दल प्रत्याशी श्रीकला सिंह रेड्डी पत्नी धनन्जय सिंह को अपना दल समर्थन कर रहा है और पार्टी के सभी वोट श्रीकला सिंह को देकर उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान करा दिया और वह प्रथम नागरिक बन गयी।
इसके बाद से ही राजनैतिक हलको में 2022 के चुनाव में नये समीकरण की सुबगुबाहट शुरू हो गयी है। राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि अब धनन्जय सिंह अपना दल एस के रास्ते विधानसभा की यात्रा करने की तैयारी कर सकते है। भाजपा सीधे तौर पर भले ही टिकट देने से परहेज करने का स्वांग रचे लेकिन जौनपुर की मल्हनी विधानसभी सीट को अपना दल एस के खाते में डाल कर पर्दे के पीछे से सहयोगी भूमिका निभा सकती है। सत्ता पाने के लिए यह सब संभव हो सकता है। 
जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने के बाद एक बार फिर पूर्व सांसद धनन्जय सिंह का राजनैतिक हनक वापस आती दिखने लगी है इसका पूरा लाभ 2022 के चुनाव में उठाने में जरा भी कोर कसर नहीं छोड़ सकते है। हलांकि मल्हनी के उप चुनाव में कड़ी मशक्कत के बाद भी धनन्जय सिंह दूसरे स्थान पर ही रहे। जानकार यह भी मानते है कि मल्हनी विधानसभा का समीकरण ऐसा है कि यहां से सपा से मुकाबला करना बेहद कठिन है। जब से मल्हनी विधानसभा बनी है तब से अब तक सपा का ही कब्जा बरकरार है। फिर भी राजनीति के खेल बड़े निराले होते है। जो भी हो लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जनपद की राजनीति में एक नया समीकरण जरूर तैयार कर दिया है। अब देखना है कि यह समीकरण 2022 के चुनाव में कितना प्रभाव शाली होता है। 





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